Thursday 30 May 2013

बच्चों से मन की बात...

प्यारे बच्चों आप सभी को मेरा नमस्ते। आपसे क्लॉस में तो कई बार बात होती है। लेकिन आज पहली बार मन की बात के लिए पत्र लिख रहा हूं ताकि सारे बच्चों से एक साथ बात हो पाए। आपनें मन की बात में सुंदर सवालों को उठाया है जैसे- प्रार्थना सभा को ढोलक के साथ करने की बात, कम्प्यूटर सीखने की बात इत्यादि। जिसकी तारीफ हमारे प्रधानाध्यापक जी अक्सर करते हैं।

आप सभी से मुझे कुछ सवाल पूछने थे कि हम स्कूल क्यों आते हैं ,क्या कभी इस सवाल के बारे में सोचा है ? स्कूल आने से हमें क्या फायदा है ? जब कोई टीचर क्लास में पढ़ा रहे होते हैं तो हमारा ध्यान मोटी पासबुक से कछ उतारने की तरफ क्यों लगा रहता है ? आप दूसरे बच्चों को उनकी गलतियों के लिए सजा क्यों देना चाहते हो ?

क्या आपको पता है कि सज़ा का क्या मतलब होता है ? किसी अपराध के लिए न्यायालय (कोर्ट) के द्वारा जिसके ऊपर कोई अपराध करने की आरोप होता है उसको सबूतों के आधार पर दोषी करार दिया जाता है। वह ऐसी गलती दोबारा न करे, इसलिए उसको न्यायालय (कोर्ट) सजा सुनाई जाती है।

आप सब तो स्कूल में पढ़ना-लिखना सीखने और अच्छा इंसान बनने के मकसद से आते हैं। तो फिर हमारे मन में एक दूसरे के लिए प्यार और अपनेपन की जगह शिकायत और नफरत की भावना क्यों आती है ? क्यों हम अपने बाकी साथियों की मदद करने के लिए आगे नहीं आते ? ताकि पूरे स्कूल का माहौल बहुत सुंदर हो जाए।

छोटी क्लॉस के बच्चे देखकर और सुनकर सीखते हैं। वे बड़ी कक्षाओं के बच्चों का अनुकरण करते हैं। अगर आप किसी से झगड़ा करते हैं, गालियां देते हैं तो इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि वे भी आपकी राह पर चल देंगे। इसलिए हम सबको अपने व्यवहार के प्रति सतर्क रहना होगा। मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा कि मुझसे ऐसी कोई गलती न हो। अगर होती है तो आप मुझे जरूर से बताएं मैं सुधार करने की कोशिश करूंगा।

पत्र के आखिर में सभी गुरू जी और प्रधानाध्यापक जी को बच्चों की बाल संसद के निर्माण के लिए सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। आपने अपने स्कूल में एक बेहतरीन शुरुआत की है। इस संसद के माध्यम से आप उन्हें अपने निर्णय खुद लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। नवनिर्वाचित बाल संसद और सभी कक्षा नायकों को ढेर सारी बधाइयां और शुभकामनाएं।

                                  ...............वृजेश सिंह

                                         

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